राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रायपुर :ऐसे तो धान की खरीद पर छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस में चुनावी जंग चलते रहता है और जब कि सर्व विदित है कि इसी धान पर पिछली बार 2018 में कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी थी! इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं रोज-रोज सड़क से लेकर छत्तीसगढ़ के सचिवालय तक होती रहता है और राजनीतिक कार्यकर्ता भी अपने स्तर पर एक दूसरे से इसी पर बात करते रहते हैं ! कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे आरोप -प्रति आरोप करते रहता है ! इसमें भाजपा के लोग कहते हैं कि धान की खरीद में केंद्र सरकार बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है जबकि कांग्रेस की सरकार का कहना है कि मोदी सरकार का इसमें से एक भी पैसे का सहयोग नहीं है इसी सब लेकर पिछले दिनों की भूपेश सरकार ने इस साल 20 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदने का निर्णय lव 125 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य है!इस आशय का निर्णय मंडल उप समिति की बैठक में फैसला लिया गया ! इसके अलावा छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवंबर 2023से शुरू हो जाएगी और इसके साथ-साथ इसी दिन से मक्का की भी खरीदी होगी! धान की खरीदी लगभग 21 जनवरी तक चलेगा और मक्का की खरीदी 21 फरवरी तक होते रहेगा! पिछले दिनों खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आगामी खरीद फसल की धान खरीद और कस्टम मीनिंग नीति की समीक्षा का सुझाव के लिए एक कथित उप समिति की भी बैठक रखी है Iमंत्री भगत ने बताया कि केंद्रीय खाद्य के निर्देश पर केंद्रीय खाद्य सिंह के निर्देश पर प्रदेश में इस साल प्रदेश में बायोमैट्रिक आधारित धान खरीदी व्यवस्था लागू की जाएगी. केंद्र सरकार द्वारा औसत अच्छी किस्म के धान व मक्का के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी. धान कॉमन के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य 2183 रुपए व ग्रेड.ए धान के लिए 2203 रुपए प्रति क्विंटल के मान से धान खरीदी की जाएगी. इसी तरह मक्का प्रति क्विंटल 2090 रुपए के भाव से खरीदी की जाएगी. प्रदेश में किसानों के धान विक्रय में सहूलियत को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है. किसानों की मांग पर इस साल और भी कुछ धान उपार्जन केन्द्र खुलेंगे. वर्तमान में 2617 धान उपार्जन केंद्र संचालित हैं. पिछले साल राज्य के 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया था.
मंत्री रविन्द्र चौबे ने वादा किया है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों को 3600 रु. प्रति क्विंटल धान की कीमत मिलेगी। 30 फीसदी MSP बढ़ने के हिसाब से सरकार के अगले कार्यकाल में किसानों को मिलने वाली धान की कीमत 3600 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगी। किसानों को इसका लाभ अगले साल से मिलने लगेगा।